हाय हाय पूर्वांचल विधुत वितरण निगम,दो मुख्य अभियंता , दो विदाई समारोह , दो अलग अलग जगहो परन्तु अनुशासन और परम्पराऐ टूटी
वाराणसी 01अक्टूबर :पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में आज दो मुख्य अभियंताओ के विदाई समारोह के आयोजन में डिस्कॉम की मर्यादित परम्परा टूटती नजर आयी जिसकी चर्चा डिस्कॉम मुख्यालय से लेकर स्थानीय जानकारों की जुबा पर चर्चा का विषय बनी रही नजारा कुछ इस तरह देखने को मिला आज मुख्य अभियंता प्रशासन अनूप चन्द्रा के सेवा निवृत होने पर सुबह से ही उनके चाहने वाले के मिलने का तांता लगा रहा शाम विभागीय विदाई समारोह का आयोजन किया गया था जिसकी व्यवस्था ट्रेनिग सेन्टर की गयी थी जिसमे सेवा निवृत होने वाले दो मुख्य अभियंता के बिदाई समारोह की सूचना थी पर अचानक शाम होने के साथ साथ खेमे बंदी नजर आने लगी निर्धारित कार्यक्रम स्थल ट्रेनिंग सेन्टर पर डिस्कॉम के मुख्य अभियंता प्रशासन अनूप चन्द्रा को चाहने वाले पहुचते दिखे तो दूसरी ओर डिस्कॉम मुख्यालय के मीटिंग हाल में दूसरे मुख्य अभियंता आर आर सिंह के बिदाई समारोह की तैयारी होती दिखी जो अब तक के परम्परा को तोड़ती नजर आयी वैसे इनदिनों पूर्वांचल में जिस तरह के घटना क्रम हो रहे हैं वो सभी चौकाने वाले हैं जैसे विगतदिनों प्रबंधनिदेशक आवास पर ठेकेदारों द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन और आज बिदाई समारोह के कार्यक्रम का दो खेमे में बटवारा दोनों नयी परम्परा की शुरुवात है जिससे एक बात तो साफ है कि पूर्वांचल के प्रबंधनिदेशक के साथ साथ समूचे प्रबन्धन के अनुभव कार्य शैली पर सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है वैसे डिस्कॉम के निदेशक तकनीकी पी पी सिंह एवं निदेशक कार्मिक प्रशासन शेष कुमार बघेल दोनों बिदाई समारोह में अलग अलग समय पर उपस्थित हुए परन्तु दो जगह के आयोजन पर उठे सवाल पर कन्नी काटते नजर आए ।
बिदाई समारोह में कोविड की गाइडलाइंस की उड़ी धज्जियां
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्रष्टाचार की घटनाओं पर तो सुर्खियों में रहना आम बात है पर आज उसी डिस्कॉम के मीटिंग हाल में आयोजित बिदाई समारोह में उ प्र सरकार द्वारा जारी कोविड की गाइडलाइंस की जम कर धज्जियां उड़ाई गयी आयोजित बिदाई समारोह में जगह छोटी होने के कारण लोग बगैर मास्क लगाए एक दूसरे से चिपके नजर आए जबकि उसी तल पर प्रबंधनिदेशक का कार्यालय मौजूद है आखिर किसकी अनुमती से मीटिंग हाल में बिदाई समारोह का आयोजन हुआ और क्या प्रबंधनिदेशक और प्रबन्धन इस कार्यक्रम के आयोजक के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा सकता है या अन्य बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार की तरह उ प्र सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के दोषियों के विरुद्ध भी कछुवा जांच कमेटी बना कर मामले को दफन कर दिया जाएगा। खैर
युद्ध अभी शेष है