हाय हाय भ्रष्टाचार पावर कार्पोरेशन, आखिर झुका ही दिया पावर कार्पोरेशन के ईमानदार सबसे बडे बडका बाबू को भ्रष्टाचारीयो ने
लखनऊ26जून: आखिरकार भ्रष्टाचारीयो ने अध्यक्ष पावर कारपोरेशन को अपने जाल मे फसा ही एक ईमानदार अधिकारी को ले लिया अनुमोदन एक बडी निविदा के लिए वैसे तो ईमादारी के नाम पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक बड़ा नाम एम देवराज है परन्तु यह तो UPPCL है यहा पर बडे बडे ईमानदारो को बिना कुछ किये ही बेयमान साबित कर दिया जाता है और उस अधिकारी को यह बात जब कभी जांच होती है तो उस अथिकारी को पता चलता है कि उससे क्या क्या नियम विरुद्ध अनुमोदन ले लिया गया है इस काकस को तोडने के लिए हमने आवाज उठानी जरूरी समझी ताकि भ्रष्टाचारियो के इस समुह की चालो से ईमानदार अधिकारियो को अगाह किया जाए।
निविदाओ मे हो रहे खेल के मुख्य पात्र शक्तिभवन मुख्यालय मे बैठे अरब पति के खास चेले डैडी ने पहली बार खेला था जब नियम विरुद्ध स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट पर अपनी चाल बाजीयो के जरिए नियम विरुद्ध अनुमोदन लिया था ऐसा लगता ही नही है कि इन आधिकारियो को किसी नियम कानून का डर है इनका तो एक मात्र उद्देश्य चाँदी के जूते से मुंह सुजवाना और सोचना यह है कि अगर पकडे गये तो सामने वाले का मुँह भी चाँदी के जूते से सुजा कर निकल लेगे । खैर वर्तमान मे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के मशहूर अरबपति के खास चेले आज कल महत्वपूर्ण पदो पर शोभायमान है चाहे वो मध्याचल हो ,पूर्वांचल हो ,पश्चिमाचल हो , दक्षिणाचल हो , पारेषण निगम हो या मुख्यालय शक्तिभवन यानि पावर कार्पोरेशन सभी जगह इन भ्रष्टाचारियो का कब्जा है चाहे वो प्रबन्धन ही क्यो पा हो सभी जगह इनकी तूती बोलती है अभी अभी 50 करोड का परिवर्तक धोटाला खुला है खैर वो धोटाला तो 2012 का था वर्तमान मे कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य चल रहे है जिसमे यह भ्रष्टाचारियो का काकस पूर्ण रूप से सक्रिय है और इस नवीनतम शिकार हुए है उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के ईमानदार अध्यक्ष यानि कि सबसे बडे बडकऊ उर्फ बडका बाबू जिनको समझा बुझा कर निगम हित दिखाते हुए एक बडे बिलिंग टेण्डर पर अनुमोदन ले लिया गया है । वैसे हम पत्रकार गलत होने पर आगाह करेंगे और गलत करने पर अपनी धारदार कलम को रोक नहीं पाएंगे पर सवाल उठनाऐगे सरकार अगर उपभोक्ताओं के हितों के फैसले में साथ है तो अहित में चिल्लाने से नही रुकेगे क्योंकि यह कम्पनी उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए बनाई गयी है । खैर
युद्ध अभी शेष है