इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल
लखनऊ8अगस्त2021:नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आवाहन पर देशभर के लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में 10 अगस्त को एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे |
ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया की 03 अगस्त से 06 अगस्त तक भारत के विभिन्न प्रांतों के हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियंताओं ने दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रतिबन्ध के बावजूद इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लेने की मांग हेतु सत्याग्रह कर अपना सशक्त विरोध दर्ज किया है |
उन्होंने बताया कि सत्याग्रह की सफलता से उत्साहित बिजली कर्मी आगामी 10 अगस्त को एक दिन हड़ताल / कार्य बहिष्कार करेंगे| उन्होंने यह भी बताया कि यदि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 पारित कराने हेतु कोई एक तरफा कार्यवाही करती है और 10 अगस्त के पहले यह बिल संसद में रखा जाता है तो बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल / कार्य बहिष्कार करेंगे |
उन्होंने मांग की कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने की बजाय इसे बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमिटी को भेजा जाना चाहिए | बिजली क्षेत्र के सबसे प्रमुख स्टेकहोल्डर बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को स्टैंडिंग कमिटी के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए |
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन और नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र भेजकर उनसे अपील की है कि इस जनविरोधी बिल का वे संसद में विरोध करें | इस सम्बन्ध में राजनीतिक दलों की सकारात्मक प्रतिक्रिया रही है | केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बिल का विरोध किया है | इसके अतिरिक्त तेलंगाना , तामिलनाडु , आँध्रप्रदेश ,झारखंड ,छत्तीसगढ़ , राजस्थान , पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री वक्तव्य देकर बिल का विरोध कर चुके हैं | ऐसे में केंद्र सरकार को संसद में पारित करने की जल्दबाजी के बजाय इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजना चाहिए |