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एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है मणिपुर-  मोहन भागवत

लखनऊ 11 जून :आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. यह 10 साल से शांत था. ऐसा लगता था कि पुरानी बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है. अचानक जो कलह वहां उपज गया या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है. त्राही-त्राही कर रहा है और उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, चुनाव लोकतंत्र की एक अनिवार्य प्रक्रिया है. इसमें दो पक्ष होने के कारण प्रतिस्पर्धा होती है. चूंकि यह एक प्रतिस्पर्धा है, इसलिए खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. लेकिन इसमें एक गरिमा होती है. झूठ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संसद में जाने और देश चलाने के लिए लोगों को चुना जा रहा है. वे सहमति बनाकर ऐसा करेंगे. हमारे यहां सहमति से चलने की परंपरा रही है. यह प्रतिस्पर्धा कोई युद्ध नहीं है. एक-दूसरे की जिस तरह की आलोचना की गई, इससे समाज में मतभेद पैदा होगा और विभाजन होगा। मोहन भागवत ने कहा, लोकसभा चुनाव में आरएसएस जैसे संगठनों को भी इसमें बेवजह घसीटा गया. तकनीक की मदद से झूठ को पेश किया गया. झूठ को प्रचारित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया. ऐसा देश कैसे चलेगा? इसे विपक्ष कहते हैं. इसे विरोधी नहीं माना जाना चाहिए. वे विपक्ष हैं, एक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. उनकी राय भी सामने आनी चाहिए. चुनाव लड़ने की एक गरिमा होती है. उस गरिमा का ख्याल नहीं रखा गया. वही सरकार फिर से सत्ता में आ गई है – एनडीए. यह सही है कि पिछले 10 सालों में बहुत सारी सकारात्मक चीजें हुई हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम चुनौतियों से मुक्त हो गए हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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