बार एसोसिएशन के वकीलों ने जज के खिलाफ ही खोला मोर्चा
कोलकाता19 दिसंबर :कलकत्ता हाई कोर्ट में अदालत के एक फैसले के बाद वकीलों और जज में तलवारें खिंच गई हैं। मामला यूं है कि जज ने अदालत की अवमानना के आरोप में एक वकील को जेल भेजने के आदेश जारी किए। जिसके बाद बार एसोसिएशन गुस्सा हो गया है। बार एसोसिएशन ने जज के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जज से सारे केस वापस लेने की मांग की है। साथ ही वकीलों ने संकल्प लिया है कि बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य तब तक उन जज की अदालत में कदम नहीं रखेगा, जब तक वे माफी नहीं मांग लेते।
कलकत्ता हाई कोर्ट में सोमवार के दिन हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने अदालत की अवमानना के आरोप में एक वकील को जेल भेजने के निर्देश दिए। बार एंड बेंच डॉट कॉम के मुताबिक, जज के आदेश पर बार एसोसिएशन गुस्सा हो गया है। वकीलों ने जज पर अपनी अदालत में अपमान करने का आरोप लगाया है। साथ ही संकल्प लिया कि जब तक वे माफी नहीं मांग लेते, उनकी अदालत में कोई भी वकील कदम नहीं रखेगा।
कलकत्ता हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने साथ ही हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनानम को एक पत्र लिखा है। जिसमें बार एसोसिएशन ने उन्हें सूचना दी कि जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने वकील प्रोसेनजीत मुखर्जी का घोर अपमान किया। इसलिए सर्वसम्मति से उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।
बार एसोसिएशन के पत्र में कहा गया है, “न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 18 दिसंबर 2023 को एक मामले की सुनवाई के दौरान प्रोसेनजीत मुखर्जी को दोषी ठहराया। वकील को आपराधिक अवमानना का दोषी मानते हुए घोर अपमानित किया गया। जज ने उन पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया और तत्काल अदालत कक्ष से ही गिरफ्तारी के आदेश दे दिए।”