JNU ने स्टूडेंट्स पर कसा शिकंजा, नियम बड़ा बदलाव
नई दिल्ली14 दिसंबर : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन और पार्टी करने के संबंध में नए नियम लागू करने का आदेश जारी किया है. इसको लेकर छात्र काफी चिंतित हैं. नए नियम के तहत जेएनयू कैंपस में धरना देने वाले छात्रों पर 20 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि जेएनयू के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में धरना, भूख हड़ताल, नारेबाजी या किसी दूसरे प्रकार का विरोध प्रदर्शन करने पर छात्रों पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना या फिर उन्हें परिसर से निष्कासित किया जा सकता है. चीफ प्रॉक्टर ऑफिस ने इस मैनुअल को हाल ही में स्वीकृति दे दी है. इसे 24 नवंबर को विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने अप्रूव किया था. इतना ही नहीं अब बिना जेएनयू प्रशासन की इजाजत के पार्टी करने पर भी जुर्माना लगाया जाएगा.
मैनुअल में पहले से इजाजत के बिना परिसर में फ्रेशर्स पार्टी, फेयरवेल पार्टी या डीजे पार्टी जैसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दंड देने की बात भी की गई है. अब ऐसी पार्टियां आयोजित करने वाले छात्रों पर 6,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.इतना ही नहीं यह मैनुअल विश्वविद्यालय के किसी भी सदस्य के घर के आसपास किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर भी रोक लगाता है. इसको लेकर जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि यह परिसर की संस्कृति को दबाने का प्रयास है. कार्यकारी परिषद से अप्रूव किए गए मैनुअल के अनुसार बार-बार सजा पाने वाले छात्रों को अब निष्कासित किया जा सकता है. इसके अलावा छात्रों को प्रॉक्टोरियल पूछताछ के दौरान जिरह की अनुमति भी नहीं होगी और विवाद के मामले में कुलपति का निर्णय अंतिम माना जाएगा.