आधुनिक युग में भी बढ़ रहा रामलीला का अस्तित्व- मालिनी अवस्थी
अयोध्या12अक्टूबर: आधुनिक युग में भी राम कथा व रामलीला का अस्तित्व बढ़ता जा रहा है। देश में आज धर्म पर राजनीति दिखाई दे रहा है। लेकिन समाज में धर्म को बचाने के लिए आज भी राम कथा और रामलीला का उदाहरण है। पद्मश्री से सम्मानित लोक गायिका मालिनी अवस्थी अयोध्या की रामलीला में माता शबरी की भूमिका को इसलिए चुना जिससे समाज से वंचित लोगो को भी सम्मान और उनका अधिकार मिल सके।अयोध्या सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला के मैदान में चल रहे वर्चुअल स्टारों की रामलीला मैं पद्मश्री से सम्मानित लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपना किरदार माता शबरी के रूप में निभाई तो वहीं इस दौरान पत्रिका से खास बातचीत करते हुए बताया कि आज धर्म की रक्षा के लिए किया जाता रहा है। धर्म यानी मनुष्य का कर्तव्य है। आज हमने शबरी का पात्र इसलिए लिया है कि सबरी प्रतिनिधित्व करती है वंचित और शोषित समाज का वहां राम उनको ना सिर्फ गले लगाते हैं बल्कि उनके चरण छू कर के उनको प्रणाम करते हैं यह अपने आप में एक ऐसा संदेश है ऐसी समाज के लिए जो आज भी जाति धर्म में बांटना चाहता है वहां शबरी और राम का संबंध एक इसे रूप में सामने आता है कि प्रेम जहां पर है वहां पर भाव सिर्फ प्रेम और भक्ति का रहता है। इसलिए इस रामराज्य का जो भाव है वो यही दर्शाता है कि रामराज्य एक समावेशी समाज की परिकल्पना थी। जहां पर कोई सब बराबर थे। इस रामलीला में शबरी एक अच्छा पात्र है जो उस वर्ग से आती है जो वनवासनी है जिसके पास कोई धन और समृद्धि नहीं लेकिन राम उनको अपने मां कह कर संबोधित करते हैं यानी सभी के पास स्वभाव और निष्ठा और श्रद्धा थी।