केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर पूछे 5 सवाल
नई दिल्ली 26 सितंबर :अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से हटने के बाद से ही लगातार आरएसएस से बीजेपी को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जनता की अदालत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे थे। उसके बाद आज उन्होंने मोहन भागवत को पत्र लिखा है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर पीएम मोदी के रिटायरमेंट तक के सवाल पूछे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि मैं यह पत्र किसी राजनैतिक पार्टी के नेता के तौर पर नहीं बल्कि इस देश के एक आम नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज मैं देश के हालात को लेकर बेहद चिंतित हूं। बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को किस दिशा में ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए दुखद है।
अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से पूछे ये पांच सवाल?
1- पूरे देश में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को तरह-तरह के प्रलोभन देकर या ईडी-सीबीआई से समझौता करके तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और अलग-अलग पार्टियों की सरकारी सरकारों को पलटा जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारों को पलटना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप या आरएसएस किसी भी तरह की अवमानना का इस्तेमाल करके सत्ता हासिल करने का समर्थन करते हैं?
2- देश के कुछ नेताओं को खुद है की पीएम मोदी और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर लिया गया। जैसे 28 जून 2023 को पीएम मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उसके एक नेता पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ दिया गया और उसी नेता के साथ सरकार बनाई गई जिसे कल तक भ्रष्टाचारी कहा जाता था, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया गया। ऐसे कई मौके आए हैं जब अलग-अलग पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या आपको यह देखकर पीड़ा नहीं होती?
3- भाजपा आरएसएस के गर्भ से पैदा हुई है। अगर भाजपा गलत दिशा में जा रही है तो उसे सही रास्ते पर लाना आरएसएस का दायित्व है। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री मोदी को इतने गलत काम करने से रोका है?
4- जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनावों के दौरान कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से भाजपा की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंख दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि जेपी नड्डा के इस बयान ने निश्चित रूप से आरएसएस के हर कार्यकर्ता को आहत किया है। देश को यह समझने की जरूरत है कि उनके बयान से दिल पर क्या गुजरी?
5 -आप सभी ने मिलकर एक नियम बनाया कि भाजपा नेता 75 वर्ष की आयु के बाद इस्तीफा दे देंगे। इस नियम का व्यापक प्रचार हुआ और इस नियम के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई बड़े भाजपा नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा। पिछले एक दशक में इस नियम के तहत कई अन्य भाजपा नेताओं को भी इस्तीफा देना पड़ा।
अब अमित शाह कहते हैं कि वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इस बात से सहमत हैं कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को हटाया गया, वह अब नरेंद्र मोदी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए? अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा कि ये सवाल आज हर भारतीय के दिमाग में उठ रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे।