जुलाई के अंतिम सप्ताह में हो सकता है योगी मंत्रिमंडल का विस्तार
लखनऊ21जुलाई2021: यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तार को हरी झंडी दे दी है. इसके लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल दिल्ली के नेताओं से मिलने और नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा करने गए थे. सूत्र बताते हैं कि नए मंत्रियों के नाम पर अभी भी कोई आखिरी सहमति नहीं बनी है, पर मंत्रिमंडल में पहले से ही शामिल कई मंत्रियों के विभागों और नए चेहरों को शामिल किए जाने के मानकों पर लगभग आखिरी मुहर लग चुकी है. संगठन का मानना है कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई मंत्रियों की वजह से सरकार असहज रही है तो कइयों ने सरकार की साख को बढ़ाया है. इसी आधार पर मंथन करके करीब एक दर्जन मंत्रियों के नाम तय किये गये हैं, जिनके विभागों में बदलाव, बढ़ोत्तरी या काट-छांट की जा सकती है। संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष और राधामोहन सिंह की पहले की बैठकों में कई मंत्रियों के क्षेत्रीय नेताओं के साथ व्यवहार और जनता के प्रति बेरुख़ी को लेकर भी चर्चा हुई थी. उसके आधार पर भी मंत्रियों की रिपोर्ट तैयार की गयी है. संगठन ने इन मंत्रियों को व्यवहारिक स्तर पर बदलाव करने और और जनता/क्षेत्र के नेताओं के साथ सामंजस्य के दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए थे, लेकिन माना ये जा रहा है कि कई मंत्री ऐसे भी हैं, जिनके भीतर अभी भी कोई विशेष परिवर्तन नहीं है. लिहाज़ा उनके विभागों में बदलाव या काट-छांट की जाएगी। मंत्रियों को हटाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुयी पर संगठन के शीर्ष नेताओं और संगठन के विचारकों की राय है कि चुनाव के ठीक पहले ज्यादा मंत्रियों को हटाने से जनता में गलत संदेश जा सकता है. विपक्ष को सरकार के नाकाम मंत्रियों को लेकर एक बड़ा मुद्दा हाथ लग सकता है, लिहाजा जितना हो सके मंत्रियों को हटाने के कदम से बचा जाना चाहिए. एक बड़ी वजह ये भी है कि सभी मंत्री किसी जिले के प्रभारी मंत्री भी है और अपने क्षेत्रों में भी उनका प्रभाव है. करीब पांच साल से मंत्री रहने के दौरान क्षेत्र के लोगों पर प्रभाव का फायदा चुनाव में मिल सकता है. ऐसे में अगर चुनावों से ऐन पहले किसी मंत्री के हटाया जायेगा तो ना सिर्फ उसके समर्थक पार्टी से मायूस होंगे बल्कि उस जिले और क्षेत्र में पार्टी को फिर से दोगुनी मेहनत से समर्थकों और वोटरों को जोड़ने का काम करना पड़ेगा. लिहाजा हर लिहाज से संगठन ने संकेत दिये हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में किसी मंत्री न हटाया जाये तो भी बेहतर होगा. हालांकि सूत्र ये भी बताते हैं कि आखिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर किसी मंत्री के कद में इजाफा, बदलाव, काट-छांट या हटाने का फैसला लेते हैं तो तस्वीर बदल सकती है।