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बाट माप मरम्मतकर्ता की हड़ताल:प्रदेश में नियंत्रक के रूप तैनात बड़केबाबुओ की कार्यशैली पर उठते सवाल

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वाराणसी 01अप्रैल:प्रदेश में भरतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो(IAS) की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठने लगे है। प्रदेश के विभागों कर्मचारियों द्वारा इनकी कार्यशैली के प्रति आक्रोश दिखने लगा है।
जंहा एक औऱ प्रदेश के विकाश में मुख्य भूमिका निभाने वाले बिजली विभाग बड़केबाबुओ के निजीकरण के फैसले के पिछले 4 महीनों से विरुद्ध आंदोलन कर रहा है वही प्रदेश के बांट माप विभाग में कार्यरत मरम्मतकर्ताओं ने आज हड़ताल की घोषणा कर दी।
वाराणसी में बाट माप मरम्मतकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील उपाध्याय द्वारा आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर बताया कि विभाग में केंद्र प्रभारियो एवं मरम्मत कर्ताओं के कार्यो में वर्तमान में उत्पन्न हुई समस्यों के निराकरण के लिए बड़केबाबू नियंत्रक,लखनऊ से कई बार वार्ता हो चुकी परन्तु समस्याओं के समाधान न कर व्यपारियो के ऑनलाइन सत्यापन के लिए पोर्टल जारी किया।
अध्यक्ष ने बताया कि बड़केबाबू नियंत्रक द्वारा जो पोर्टल जारी किया गया है उससे मरम्मतकर्ताओं का लाइसेंस समाप्त होने की पूर्ण संभावना है औऱ उत्तर प्रदेश के पोर्टल में ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया देश के अन्य प्रदेशों की भांति ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया से एकदम भिन्न औऱ जटिल है।
अध्यक्ष ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नियंत्रक द्वारा बांट माप विभाग में सबसे निचले पायदान पर मरम्मतकर्ता आता है मात्र 200 रुपये की लाइसेंस फीस पर 100 रुपए के सुल्क पर कार्य करते है औऱ अपनी रोजी रोटी चलाते है। नियंत्रक लखनऊ के द्वारा जारी आदेशो के तहत निम्न स्तर पर कार्य कर रहे मरम्मतकर्ताओं को रोजी रोटी छीन कर उनको कुचलने की तैयारी है।
अध्यक्ष ने बताया कि बड़केबाबू के आदेश से नई व्यवस्था से मरम्मतकर्ताओं की समस्याओं को बताया कि मरम्मत कर्ता आर्डर बुक का जो प्रोफार्मा नियंत्रक के कार्यालय ज्ञाप द्वारा निर्धारित किया गया है। उसमें व्यापारी का GST नम्बर पैन कार्ड नम्बर एवं मोबाइल नंबर को व्यापारी की इच्छा एवं उपलब्धता के आधार पर अनिवार्य नहीं किया गया है।
जबकि केन्द्र प्रभारियों द्वारा उसे अनिवार्य किये जाने से दोनों आदेश आपस में विरोधाभासी हो रहें हैं।
मरम्मत कर्ता आर्डर बुक, व्यापारी और विभाग के मध्य, मरम्मत कर्ता द्वारा, व्यापारी के उपकरणों, शुल्कों, एवं चार्जों, को पारदर्शिता पूर्वक प्रस्तुत करने का माध्यम मात्र है। व्यापारी द्वारा, मरम्मत कर्ता को किया गया स्वैच्छिक भुगतान भी उस व्यापारी का, आर्डर बुक पर हस्ताक्षर के समतुल्य माना जाना चाहिए।
मरम्मतकर्ताओं का अनुज्ञापत्र (लाइसेंस) पर स्पष्ट रूप से यह उल्लिखित है कि “यह लाइसेंस कार्मशाला स्थित कार्य करने के लिए विधिमान्य है”ऐसी दशा में हम मरम्मत कर्ता व्यापारी के परिसर पर अपनी उपस्थिति को विधिसंगत साबित कर पाने में अपने आप को सर्वथा अक्षम पाते हैं।
केंद्र प्रभारी अपने अपने केन्द्रों की भौगोलिक एवं व्यवहारिक स्थितियों तथा मरम्मत कर्ताओं के कार्य व्यवहार से भलीभांति परिचित होते हैं। मरम्मतकर्ताओं के कार्य व्यवहार के प्रथम फिडबैक का अवसर प्रभारियों को इस मानक के साथ सुपुर्द किया जाना चाहिए कि वह अपने केन्द्र के अधीन मरम्मत कर्ताओं के साथ बैठक कर एक सामान्य मरम्मत चार्ज की गाइडलाइंस तैयार करें। उससे उपर लिए गए मरम्मत चार्ज को केन्द्र प्रभारी स्वयं व्यापारी से फिडबैक लेकर यह सुनिश्चित करें कि वह भुगतान उसने (व्यापारी ने) बिना किसी दबाव में किया है। आरोप की स्थिति में अग्रिम कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों को अग्रेषित करें
अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) की सभी सेवाएं पहले से ही आनलाइन हो चुकी है। मात्र लाइसेंस संशोधन ही बाकी रह गया है। आफलाइन संशोधन कराए जाने से लाइसेंस प्रति एवं आर्डर बुक आदि को मैच कराने में विसंगति प्रतीत हो सकती है।
अध्यक्ष ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा वाराणसी में जनजागरण औऱ जगह जगह सभा कर देश के अन्य प्रदेशो में सत्यापन लागू व्यवस्था की सरलता औऱ उत्तर प्रदेश में सत्यापन के लिए लागू की गई नई जटिल व्यवस्था से व्यापारियों को जागरूक किया जाएगा औऱ लखनऊ में एक बड़ी रैली होगी।
अध्यक्ष ने बताया कि हड़ताल की समस्त जिम्मेदार नियंत्रक,उत्तर प्रदेश लखनऊ की है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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