विद्युत विभाग: ऊर्जामंत्री की वादाखिलाफी से परेशान अभियंता ने खाया जहर:जीवन मौत की जंग के बीच हॉस्पिटल में भर्ती:पत्नी ने कहा इनको कुछ हुआ तो का लूंगी जहर

वाराणासी 9 जुलाई:”””समझौते के वादों की वादाख़िलाफ़ी फ़िर आंदोलन की वापसी पर किये गये वादों की वादाख़िलाफ़ी”””
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग में बह रही भ्रष्टाचार की उल्टी गंगा औऱ चहेतों को मलाईदार पदों पर रखने के लिए मेमोरेंडम ऑफ आर्टिकल की धज्जियां उड़ाने में व्यस्त ऊर्जा प्रबंधन पर मौन ऊर्जामंत्री की संयुक्त संघर्ष समिति की प्रबंधन औऱ सरकार के समझौते की वादाख़िलाफ़ी पर किये गए आंदोलन की वापसी के दौरान कर्मचारियों/अधिकारियो के विरुद्ध प्रबंधन द्वारा की गई दंडनात्मक कार्यवाहियों को वापस लिए जाने के सार्वजनिक वादे के वादाख़िलाफ़ी से परेशान कुंठाग्रस्त/अवसाद में निलंबित अभियंता ने अंततः जहर खा लिया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारी पहुँचे हॉस्पिटल
16माह से आंदोलन के दौरान निलंबित चल रहे ई0 मनीष मिश्रा सहायक अभियंता तापीय परियोजना ओबरा तनाव से ग्रषित थे जो कल दिनांक-7जुलाई 2024 को ऊर्जा मंत्री जी के द्वारा आश्वाशन देने के बाद भी अभी तक बहाल न होने से अवसाद ग्रस्त में जहर खा लिया, एपेक्स हॉस्पिटल वाराणसी में जीवन और मौत के बीच लड़ रहे है। संयुक्त संघर्ष समिति के आयोजक ई०शैलेन्द्र दुबे सहित तमाम पदाधिकारी हॉस्पिटल पहुँचे औऱ परिवार को हिम्मत बंधाई।
पत्नी का प्रबंधन से सवाल
सहायक अभियंता,मनीष मिश्र जी की पत्नी ने यह पूछा कि क्या इसके बाद भी अध्यक्ष पावर कारपोरेशन इनसे मिलने आयेंगे उनकी पत्नी ने ये भी कहा कि यदि इनको कुछ हुआ तो मैं भी जहर खा लुंगी।
ऊर्जामंत्री ने किया था दंडनात्मक कार्यवाही को वापस लेने का वादा
उल्लेखनीय है कि संयुक्त संघ समिति के आंदोलन के दौरान ऊर्जा प्रबंधन ने अधिकारियों/कर्मचारियों/संविदाकर्मियों के विरुद्ध निलंबना औऱ सेवा से बर्खास्तगी की कड़ी दंडनात्मक कार्यवाही की थी संघर्ष समिति औऱ ऊर्जामंत्री के बीच वार्ता के बाद संघर्ष समिति ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की साथ ही ऊर्जामंत्री के द्वारा सार्वजनिक रूप में आंदोलन की वापसी की घोषणा के दौरान प्रेस के सामने अधिकारियों/कर्मचारियों/संविदाकर्मियों के विरुद्ध प्रबंधन द्वारा की गई दंडनात्मक कार्यवाही को वापस लेने का वादा कर प्रबंधन को निर्देश दिए थे जो प्रेस बाईट तमाम शोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। आंदोलन की समाप्ती के बाद लंबे समय तक प्रबंधन द्वारा ऊर्जामंत्री के वादे के अनुसार दंडनात्मक कार्यवाही वापस नही लेने पर संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों द्वारा ऊर्जामंत्री के दरबार मे कई बार गुहार लगाई है।