48 लेयर की बन रही नींव का काम खत्म, 2023 तक होने लगेंगे रामलला के दर्शन
अयोध्या 17 सितम्बर 2021: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भक्तों का सपना धीरे-धीरे पूरा हो रहा है। मंदिर की नींव के निर्माण अब जल्द ही पमरा होने वाला है।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि नींव की अब तक 46 लेयर पड़ चुकी हैं। 48 लेयर डाली जानी है।इसके बाद राफ्ट का निर्माण होगा।उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर में रामलला का दर्शन भक्तों को होने लगेंगे।उन्होंने कहा कि मंदिर तीन मंजिला होगा गर्भ गृह में रामलला तो दूसरे तल पर राम दरबार विराजित होगा। मंदिर का परकोटा साढ़े 6 एकड़ में बनाया जाएगा। दरअसल, गुरुवार को मीडिया को बुलाकर मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी गई और उन्हें निर्माण स्थल के दृश्य उपलब्ध करवाए गए।राम जन्मभूमि परिक्षेत्र की फोटो खींचना बैन है। इसलिए वही फोटो सामने आ पाती हैं, जिन्हें ट्रस्ट जारी करता है।दोपहर में मीडिया कर्मियों को राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण कार्य देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। भारी बारिश के बीच पहुंचे पत्रकारों ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति का लाइव प्रसारण किया तो घर बैठे लोग राम मंदिर निर्माण कार्य को देखकर आह्लादित हो उठे।शुरुआत के 75 दिन तक चले इस काम में 12 मीटर गहराई पर सरयू की तह वाली बालू मिली थी। इस स्थल के ऊपर से 10 इंच मोटी परत बिछाने का काम अप्रैल से चल रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था, जिसके बाद से ही निर्माण कार्य चल रहा है। समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आते हैं और निर्माण टीम के सदस्यों से चर्चा करते हैं।ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण में तेजी के लिए लेयर की संख्या बढ़ाकर 44 से 48 कर दी है। 47 लेयर बन चुके हैं। इसके ऊपर पत्थरों की लेयर बनेगी। फिर चबूतरे का निर्माण होगा।बताया जा रहा है कि बनने वाला राम मंदिर करीब पांच सौ वर्षों तक सुरक्षित रहेगा। राममंदिर का परिसर इको फ्रेंडली होगा। यहां त्रेतायुग के मनमोहक दृश्यों के साथ भक्तों के लिए आधुनिक सुख-सुविधाओं पर पूरा फोकस रहेगा।इस बीच ट्रस्ट ने फैसला किया कि दुनिया भर के करोड़ों राम भक्त देख सकें कि राम मंदिर निर्माण का कार्य किस तरह चल रहा है।संपूर्ण परिसर 2025 खत्म होने से पहले विकसित हो जाएगा। पानी का प्रवाह, पानी से रक्षा, बालू के रिसाव को रोकने के लिए तीन दिशा में रिटेनिंग वॉल बनेगी। जिसे जमीन के अंदर 12 मीटर गहराई तक ले जाया जाएगा। मंदिर में जितनी चौखट लगेंगी वो मकराना के उच्च गुणवत्तर के सफेद संगमरमर से बनेगी। खिड़कियों में वंशी पहाड़पुर का सैंडस्टोन का इस्तेमाल होगा।
राम मंदिर निर्माण में 12 लाख घनफीट पत्थर लगेंगे। तीन स्तर पर लगने वाले इन पत्थरों में पिलिंथ तक ऊंचाई में 4 लाख घनफीट, परकोटा के निर्माण में 4 लाख घनफीट व मुख्य मंदिर के निर्माण मे 4 लाख घनफीट से कुछ ज्यादा पत्थर लगेंगे।राममंदिर के गर्भगृह को आकार देने के लिए एक मजबूत चट्टान तैयार की जा रही है। इसके लिए 400 फीट लंबा, 300 फीट चौड़ा, 45 से 50 फीट गहरा क्षेत्र तैयार किया गया है। राम भक्त दिसंबर 2023 तक अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।