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UPPCL में मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की खुलेआम उड़ रही धज्जियां,झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट को बचाने में लगे हैं उत्तर प्रदेश शासन के आला अधिकारी

निजीकरण के विरोध में कैबिनेट मंत्री, सांसदों और एक दर्जन से अधिक विधायकों को दिया गया ज्ञापन

लखनऊ 25 अप्रैल :विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने आरोप लगाया है कि झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट की नियुक्ति को रद्द करने के बजाय उत्तर प्रदेश शासन के आला अधिकारी उसके साथ मीटिंग कर रहे हैं और उसे बचाने में लगे हुए हैं। आज प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, सांसद आरके चौधरी, सांसद रामप्रसाद चौधरी सांसद सीमा द्विवेदी तथा एक दर्जन से अधिक विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिए गए।

संघर्ष समिति ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर निर्देश जारी किया है कि वे मई दिवस के अवसर पर होने वाली बाइक रैली को सफल बनाने के लिए व्यापक जनसंपर्क करें। संघर्ष समिति ने कहा है कि शांतिपूर्वक ज्ञापन दो अभियान और पिछले पांच माह से चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद यदि निजीकरण का निर्णय वापस न लिया गया तो अगले माह से आंदोलन प्रारंभ करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की और प्रबंधन की होगी।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अवैधानिक ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन का झूठा शपथ पत्र और फर्जीवाडा पकड़े जाने के बाद इसे ब्लैक लिस्ट करने और उसकी नियुक्ति का आदेश रद्द करने के बजाय उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठत्तम अधिकारी मुख्य सचिव इसी कंसल्टेंट की रिपोर्ट के आधार पर उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं और बिना डरे निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के आदेश दे रहे हैं जो बहुत ही गम्भीर बात है। उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव ने कल ऊर्जा विभाग के और पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों की बैठक कर निजीकरण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

संघर्ष समिति ने कहा की ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का झूठा शपथ पत्र पकड़े जाने का मामला अब लगभग तीन सप्ताह पुराना हो चुका है इसके बावजूद इस कंपनी को न तो अभी तक ब्लैक लिस्ट किया गया है और न ही इसकी नियुक्ति के आदेश रद्द किए गए हैं। इसके विपरीत इस कंपनी से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जनपदों के निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार करा लिए गए हैं। संघर्ष समिति ने कहा की उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण को लेकर कितना बड़ा भ्रष्टाचार होने जा रहा है यह उसका एक नमूना मात्र है।

संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश शासन के, ऊर्जा विभाग के और पावर कारपोरेशन के शीर्ष अधिकारियों पर निजी घरानों के साथ मिली भगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सब उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।

ज्ञापन दो अभियान के अंतर्गत आज बिजली के निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मोहनलालगंज के सांसद आरके चौधरी, संसद सदस्य रामप्रसाद चौधरी, संसद सदस्य सीमा द्विवेदी राज्य मंत्री गिरीश चन्द्र यादव एवं पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा को ज्ञापन दिए गए।

आज लगभग एक दर्जन से अधिक विधायकों को भी ज्ञापन दिया गया । मुख्यतः कप्तानगंज के विधायक कवींद्र चौधरी, महादेवा के विधायक दूध राम, छानबे की विधायक श्रीमती रिंकी कोल ,मुंगरा बादशाहपुर के विधायक पंकज पटेल, शाहगंज के विधायक रजनीश सिंह, जाफराबाद के विधायक जगदीश नारायण राय, मरियाहू के विधायक आर के पटेल, बदलापुर के विधायक रमेश मिश्रा, मल्हनी के विधायक लकी यादव को ज्ञापन दिया गया। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में पार्षदों, ग्राम पंचायत अध्यक्षों और ग्राम प्रधानों को प्रदेश भर में ज्ञापन दिए गए।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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